top of page

प्रतिघात


indian army protacting kashmir

आसमान है धुआँ धुआँ, घर गलियाँ खंडर हैं

आग की लपटों में, शोलों में, मौत का मंज़र है


वक़्त की हर शह पर, बंदूक का पहरा है

ज़िंदगी के झिलमिल डेरों में, घनघोर अँधेरा है


सुरमय जहाँ था जन जीवन, बेबसी है, क्रंदन है

इन मलबों के नीचे, कितने सपने दफ़न हैं


जल थल नभ से, मौत का सौदा जारी है

अय्यारी है, परोक्ष युद्ध जारी है


गर चलना है तो उठ ले तू, गर जीना है तो लड़ ले तू

मुड़ मुड़ के न देख सहारों को, तूफ़ानों से टकरा ले तू


सरहदों पे, शहरों में, हमला जारी है

उठा हाथ शमशीर शस्त्र, अब तेरी बारी है


ये युद्ध अभी जारी है, ये युद्ध अभी जारी है

Comentarios


Post: Blog2 Post
bottom of page