मैं बुरहाण हूँ
अंकुर महाजन ऐ सुनो यहाँ आओ, देखो में तुम्हे बुला रहा हूँ, में आक्रोश हूँ, में अंगार हूँ, में बदला हूँ, में जिहाद हूँ, में ऐ कश्मीर...
The Other Side of Fierce Life
मैं बुरहाण हूँ
Ode in Solitude
जब हम साथ चलेंगे
कश्मीर की तस्वीर
Chai Ho Jaaye 'Kashmiri Kahwa'
नया कश्मीर
Why Did Pandits Leave, Abbu?
बर्बरता का दामन छोड़
एक विचलित
JANUARY 11, 1948: TRAIN TO INDIA
Saviours of Kashmir
A Stone Pelter Teacher
नेयमत
Happy Army Day
Hum kya chahte? Azadi!
Veer Nari
फूंक दे
Delicate Yet Fiery Boune Paen 'Chinar Patta'
वादी - ए - नूर
इक आधा पन्ना