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एयर स्ट्राइक


OPERATION-BANDAR-BALAKOT-AIR-STRIKE-26-FEB-2019-IAF-PULWAMA-ATTACK-REVANGE

26 फरवरी का दिन गर्व का दिन है! देश की सेना का अभिनन्दन करने का दिन है! उनकी सलामती की प्रार्थना और उनका धन्यवाद करने का दिन है! उनके शौर्य को याद करके रगों में उबाल लाने का दिन है, क्योंकि आज से ठीक तीन वर्ष पहले भारतीय वायुसेना ने दुश्मन को उसके घर में घुसकर मारा था!


वह दिन था, वह तारीख थी 26 फरवरी की, केवल वर्ष अलग था और वर्ष था 2019 का!


14 फरवरी 2019 का दिन इस देश के लिए एक काला दिन था जब पुलवामा में हुए एक कायरतापूर्ण हमले में भारतीय सेना के लगभग 40 जवान शहीद हो गए थे! उस दिन, उसी क्षण में पूरे देश की आंखों में जैसे रक्त उतर आया था और सभी के जलते दिलों से बस एक ही आवाज आ रही थी - बदला! प्रतिशोध! हमला! और बदला लिया गया! हमला किया गया! देश की आवाज सुनी गई! शहीदों को सही मायने में श्रद्धांजलि दी गई! 14 फरवरी को पुलवामा हमले के तुरंत बाद से ही जहां समूचा देश आक्रोश और दुख के आंसू रो रहा था, वही हमारी सेना के पास आंसूं बहाने का भी समय नहीं था! उन्होंने अगले ही दिन से युद्धाभ्यास करना आरम्भ कर दिया था और लग गए थे दुश्मन के घर में घुसकर मारने की तैयारी में!


15 फरवरी को प्रधानमंत्री और रक्षा आदि मंत्रालयों की बैठक में भारतीय वायुसेना के अध्यक्ष बीएस धनोआ साहब, ने पुलवामा के जवाब में हवाई हमले का विकल्प रखा और सरकार ने इस योजना को हरी झंडी दिखाई!

16 से 20 फरवरी तक, 5 दिन, वायुसेना और थल सेना ने मिलकर एलओसी पर हवाई सर्वे किया! 20 फरवरी से 22 फरवरी तक वायुसेना और रक्षा एजेंसियों ने मिलकर दुश्मन के सम्भावित ठिकानों का नक्शा तैयार किया! इसी बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल जी को हवाई हमले के लक्ष्यों की जानकारी दी गई!

22 फरवरी को ही 2 मिराज स्क्वाड्रन ने 12 विमानों को इस हमले के लिए चुना और 24 फरवरी को मध्य भारत में परीक्षण किया गया!


सारी तैयारियां हो चुकी थीं और हमले का दिन भी निश्चित किया जा चुका था! तमाम गोपनीयताओं के बीच इस मिशन का नाम "ऑपरेशन बंदर" रखा गया था और यह नाम रामायण से प्रभावित था, क्योंकि एक बंदर, श्री हनुमान जी ने सबसे पहले दुश्मन रावण के घर में घुसकर उसकी लंका जलाई थी! तो भारतीय सेना के हनुमान भी तैयार हो चुके थे दुश्मन की लंका जलाने के लिए! गोपनीयता ऐसी थी कि इस मिशन के बारे में प्रधानमंत्री और ऊंचे अधिकारियों के अलावां किसी को कानोकान खबर नहीं थी और साथ ही भारत ने पाकिस्तान का ध्यान बातचीत में बंटाया हुआ था! पायलट, जो इसके लिए चुने गए थे, उनके फोन बंद किए जा चुके थे और उनके परिवारों को भी इसकी खबर नहीं थी!


आखिर वह दिन आ ही गया! हमले का दिन! बदले का दिन! दुश्मन की लंका जलाने का दिन! 26 फरवरी को सुबह 2 बजे से 4 बजे तक मिराज ने सर्जिकल स्ट्राइक के लिए एयर बेस से उड़ान भरी! टार्गेट था बालाकोट में जैश का आतंकी अड्डा! 25 की शाम को 4 बजे मिराज विमानों में बम लगाए गए थे और मिसाइलें रखी गईं थीं! स्पाइस 2000 और क्रिस्टल मेज बमों को अलग-अलग जेट में लगाया गया था! जिन 6 मिराज को स्पाइस बम गिराना था उनके लिए साफ निर्देश दिए गए थे की बम गिरा कर के तुरंत वापस लौटना है! पायलटों ने वैसा ही किया! टार्गेट के पास पहुंचते ही पहले से ही प्रोग्राम किए हुए स्पाइस बम को उन्होंने रिलीज कर दिया और महज 60 से 90 सकेंड में वह भारतीय सीमा के पास के एयर फील्ड में लैंड कर गए! इस मिराज के पैकेज को भारतीय वायुसेना के दूसरे विमान भी लगातार निगरानी और सपोर्ट दे रहे थे!


दोनों पायलटों से जब पूछा गया कि स्ट्राइक के बाद आखिर उन्होंने किया क्या? इस सवाल के जवाब में उनका कहना था कि वो दो दिन तक बस आराम करते रहे और सोते रहे! दरअसल वो लगातार अभ्यास के चलते काफी थक गए थे! लेकिन जैसे ही मिराज के सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल होने की बात सामने आई पायलटों को उनके परिवारवालों ने फोन और वॉटस्एप पर कॉल करने शुरू कर दिए! लेकिन इन दोनों ने अपने-अपने फोन बंद कर लिए थे! इतना ही नहीं पायलटों ने स्ट्राइक से पहले और स्ट्राइक के बाद किसी तरह की छुट्टी भी नहीं ली थी! कहां बम ड्राप करना है पहले से तय था! बम पूरी तरह से पहले से ही प्रोग्राम किया हुआ था, जो टार्गेट उसमें सेट किया गया था वो जीपीएस से कनेक्ट था! बम को पहले से ही तय की गई जगह पर रीलीज किया गया! इस तरह भारतीय वायुसेना ने 5 स्पाइस बम को बालाकोट में लॉन्च किया और तेजी से वापस लौट आए! केवल 90 सेकेंड में यह कारनामा कर दिखाया हमारी वायुसेना ने!


यह संपूर्ण ऑपरेशन, विमान के पीओके में प्रवेश करने और वापस भारत में लैंड करने तक लगभग 21 मिनट तक चला! इस एयर स्ट्राइक में वायु सेना के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट विमानों ने पाकिस्तान में घुसकर जैश के बालाकोट स्थित आतंकी ठिकानों पर करीब 1000 किलो बम गिराए, जिसमें 300 के करीब आतंकी मारे गए!


इस तरह 14 फरवरी के पुलवामा के काले हमले का प्रतिशोध ले लिया गया और हमारे शहीद जवानों को सही मायनों में श्रद्धांजलि दी गई! तो गर्व कीजिए अपनी सेना पर! अपने रक्षकों पर और सलाम कीजिए उन्हें, जिनके लहू से रौशन हैं आपके घर और आंगन!


IIजय हिन्दII


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