कई उम्मीदों के साथ पले
और खरा उतरने को जतन भी लगाया है
जिंदगी की यादों भरी किताब में
उम्र का एक साल कुछ पुराने किस्से लाया है।
बचपन के पन्नों को टटोला जब
यादें रंगबिरंगे इन्द्रधनुष सी रंग जाती हैं
था वक़्त साफ़ बिना सब्ज़
और उम्र का नया साल फिर पन्ने पलटता जाता है।
कुछ वक़्त और बीता लड़कपन पहुँचा
अपने होने का जिस दहलीज पर पता चलता है
यादों में किताबें भरी पड़ी मिली जब
और वक़्त के साथ कोई अनसुलझा हिसाब लगता है।
इस पड़ाव पर कुछ पल जो ठहरे
यारों का साथ और दिल का मिलना होता है
कुछ अभी भी बाकी हैं जिंदगी में
और दिल को उम्र का साल नये पड़ाव ले चलता है।
अनसुलझे सवालों का भी जत्था मिला
तौलता खुद की काबिलियत को लंबे अर्से तक है
मायूस भी हुये और गिरकर खड़े भी
और उम्र के इक साल मिला रास्ता नया भी है।
मुश्किलें भी आयी और कभी पहाड़ भी टूटा
अपने होने का एहसास भी लगा झूठा है
मंज़िल भी थी और यकीन भी
उम्र के नये बरस मुक़ाम कोई नया लिखा है।
जेहन के पन्नों को जब सबसे नज़दीक पाया
खूबसूरत स्याही में सजा महकते लिबास में पाया है
कभी इश्क़ मिला कभी मुराद
जिंदगी ने उम्र को नया मतलब समझाया है।
इतना सबकुछ बदला तूने जिंदगी
और यादों की किताब भी भारी हो गयी
जो वक़्त बीता अच्छा बीता
वर्ना उम्र का क्या है
इस बरस से अगले तक यादों में खुद का पन्ना जुड़ सकता है।
Comentários