वीना चन्देल
देखकर खूबसूरती इस चिनार की
हम सबको गुरूर मिलता है,
उसमे बसने वाले हर दिल को,
सुरुर मिलता हैं,
जो भी आता हैं, इस खूबसूरत वादी में,
उसे प्रकृति का अजूबा जरूर मिलता है,
ये चिनार न हिंदु है, न मुसलमान,
ये है शंकराचार्य और पीर बाबा की दास्तान,
डल झील मे तैरते शिकारे,
कांगडी की गर्माहट,
कहवे की चुस्कियाँ, वाजवान की खुशबू,
सब सुना रहे हैं, कहानी इन वादियों की,
बर्फीले पहाड़ों की ठंडक,
झेलम की गुनगुनाहट,
जैसे कह रही हो कहानी प्यार की,
कशीदाकारी करते वे हाथ,
और टकटकी लमाये वे मासूम चेहरे,
कह रहे हों दास्तान अपनी जिंदगी की,
ऐ ईश्वर ऐ खुदा, इस सुकुमार की हिफाजत करना,
वन के बागवान इस फूल को महफूज रखना,
प्रेमी की तरह दिल में सहेजकर रखना,
माँ बनके सीने से लगाकर रखना,
दुश्मन के नापाक इरादों से बचाकर रखना,
ये चिनार कश्मीर का शाश्वत सत्य है,
इसकी रक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है,
चिनार के पत्तों की तरह , चेहरे भी नये आयेंगे,
जो चेहरे यहाँ आयेंगे, सब छाप छोड़ जायेंगे,
इसकी आन-बान-शान में चार चांद लगायेंगे,
मेरी छोटी-सी ख्वाइश पर तब्धजो करना,
हर छोटे बड़े युद्ध में विजयी करना,
हर वीर के किस्सों को स्वर्ण अक्षरों में लिखना,
जब भी इतिहास के पन्नों को पलटा जाये,
तो चिनार वीरों का जिक्र, फक्र से आये,
वादी में रहने वाले हर शख्स की जुबां पर,
हर एक वीर का नाम अदब से आयें!
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